Verse 1आत्मा प्रभु का प्रेमी आत्मा प्रभु का
अभी तू आजा हमारे बीच में
अपनी आशीष उंडेल (2)
Verse 2दलदल के कीच में से,
दया से निकाल हमें (2)
पाप हटाकर साफ कर दे
अपनी सामर्थ से (2)
Verse 3प्रभु के सीने में मैं,
सिर रखके आराम पाऊँ (2)
प्यासा हूँ मैं तेरे प्रति
प्यास दिला मुझे और (2)
Verse 4आत्मा के वरदानों से,
तृप्त कर तू मुझे (2)
जाग उठू मैं जलने पाऊँ
ज्योति चमका मुझमें (2)
Verse 5जीवन दिया तू ने,
जीवन दिलाया मैं भी (2)
जीवन जल की नदियां मुझसे
बहने पाये जग में (2)