Verse 1तूने किया मुझसे प्यार, कोई न था मददगार
तुझसे न देखा गया मेरे गुनाहों का भार
तूने किया मुझसे प्यार...
Verse 2तुझसे जुदाई रही, कोई खुशी न मिली
क्यों मैने माना नही, दिल पर तेंरा इख्तियार
Verse 3कैसे मुहब्बत तेरी मुझपर जो जाहीर हुई
दे दी नई जिंदगी बख्षे गुनाहा बेशुमार
Verse 4यही दुआ है मेरो होवे बसर जिदगी
तेरे लिये ऐ मसीह हो जाउॅं तुझपर निसार
Verse 5मैने न सोचा कभी, तेरा कभी तेरा कभी न सुनी
अपने गुनाहो से मै करता रहा तुझसे खार
Verse 6हालत नजर आ गई, नफरत मुझे हो गई
सुरत से अपनी बुरी, खुद ही हुआ मै बैजार