Verse 1उपवास करूँ , प्रार्थना करूँ
प्रभु में शक्तिशाली बनूँ(2)
Verse 2क्योंकि वो ही है महान
उसकी करुणा अपार
वो ही है सामर्थी
उसका करूँ धन्यवाद (2)
Verse 3हालेलुयाह , हालेलुयाह
हालेलुयाह , हालेलुयाह (2)
Verse 4बंधन भी टूटते है उपवास से
शैतान भी भागे उपवास से (2)
Verse 5क्योंकि वो ही है महान
उसकी करुणा अपार
वो ही है सामर्थी
उसका करूँ धन्यवाद (2)
Verse 6हालेलुयाह , हालेलुयाह
हालेलुयाह , हालेलुयाह (2)
Verse 7अभिषेक भी पाएं उपवास से
आत्मा में भरते है उपवास से (2)
Verse 8क्योंकि वो ही है महान
उसकी करुणा अपार
वो ही है सामर्थी
उसका करूँ धन्यवाद (2)
Verse 9हालेलुयाह , हालेलुयाह
हालेलुयाह , हालेलुयाह (2)