Verse 1जिन्दगी मेरी बदल गई
जब से मसीह को पाया है
खिल गई है कलियां नई
यीशु बहार लाया है
Verse 2जीवन है क्या, पल ही दो पल का
किसने है जाना, होगा क्या कल का
घड़ियां सुनहरी, फिर न लौटेंगी … (2)
मुक्ति और जीवन वो लाया है,
जिन्दगी मेरी…
Verse 3मार्ग में हमारे, वो दर्शक रहेगा,
कदम डगमगाये, तो हाथ वो थामेगा
भटके हुओं को, राह दिखाने … (2)
इस धरती पर वो आया है
जिन्दगी मेरी…
Verse 4जीवन की रोटी और अमृत जल को,
कैसी भरपूरी से, देता वो हमको
लहूँ बहकर पाप हमारा … (2)
यीशु ने मिटाया है
जिन्दगी मेरी…